मेरा भी नमस्कार स्वीकार करे. उड़न तस्तरी ने सही कहा की कुछ लिखते तो अच्छा लगता. क्योंकि दिल के भावः से निकली कविता मन में बस जाती है. जल्दी लिखियेगा. मेरी गुफ्तगू में स्वागत है. www.gooftgu.blogspot.com
अपने बारे में क्या लिखूँ, बस लिखने पढ़ने का शौक है। पहले तो अनेक वर्षों तक कानपुर के वी एस एस डी कालेज में काम किया तथा फिलहाल 'विश्व हिंदी समिति' के काम काज में थोड़ा बहुत हाथ बँटाने का प्रयास करती रहती हूँ। हिंदी पत्रिका 'सौरभ' की सह संपादिका हूँ तथा कभी कभार कविता लिखने की कोशिश करती हूँ। कवि सम्मेलनों के चलते अमेरिका भ्रमण तथा अनेक साहित्य अनुरागियों से मिलने का अवसर मिलता रहता है। न्यूयार्क विश्वविद्यालय के छात्रों को हिंदी पढ़ाने का उपक्रम भी निरंतर जारी है। इधर काफी समय से कुछ मित्र वृंद मुझसे ब्लाग बनाने की ज़िद कर रहे थे, अतः यहाँ उपस्थित हूँ।
6 comments:
आपको भी सादर नमस्कार. कुछ लिखें, तो आनन्द आयेगा.
मजेदार!
नमस्कार!
मेरा भी नमस्कार स्वीकार करे. उड़न तस्तरी ने सही कहा की कुछ लिखते तो अच्छा लगता. क्योंकि दिल के भावः से निकली कविता मन में बस जाती है. जल्दी लिखियेगा. मेरी गुफ्तगू में स्वागत है. www.gooftgu.blogspot.com
ji..welcome!!!!
HAMAARA BHI NAMASKAAR.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
Acchha hai,
Aap pardes me rahkar bhee desh ke baare soch likh rahi hai. badai.
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